गुरुवार, 12 मार्च 2015

ऊहापोह



गर्मी के दिन
दोपहर का समय 
आग उगलता सूरज
पसीने से नहाते श्रमिक लोग 
शीतलता का आनंद उठाते 
अपने कार्यालय में सरकारी महकमे के उँचे लोग 
बीरान रास्तों पर 
रोजी रोटी तलाशते 
ऑटो रिक्शा बाले 
रात्रि में कार्य करने के लिए 
ऊर्जा जुटाते 
छाया में सोते कुत्ते 
ठीक सिस्टम की तरह 
अपने को सही करने की ऊहापोह 
में ब्यस्त। 

मदन मोहन सक्सेना