tag:blogger.com,1999:blog-9214139885380367960.post6616937452247868223..comments2023-10-29T01:21:39.324-07:00Comments on कविता ,आलेख और मैं : परम्पराओं का पालन या अँध बिश्बास का खेल (करबा चौथ )Madan Mohan Saxenahttp://www.blogger.com/profile/02335093546654008236noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-9214139885380367960.post-45120440093531790982015-10-30T14:40:34.031-07:002015-10-30T14:40:34.031-07:00भारत त्यौहारों का देश है। त्यौहारों के माध्यम से ह...भारत त्यौहारों का देश है। त्यौहारों के माध्यम से ही स्त्रियों और पुरुषों को भी सजने संवरने का अवस्र मिलता है। घरमें पूजा का मंगल वातावरण होता है। पकवान बनते हैं । पहले तो इसीसे इतने त्यौहार मनाये जाते थे क्यूं कि और दिन तो सादा भोजन दिन भर मेहनत यही चलता था और औरतें तो बिचारी सामाजिक जीवन से वंचित रह जाती । तो हमारे पुरखों ने सब के लियो सोचा। ये बात और हे कि आज कल तो लोग रोज ही नये कपडे पहनने लगे हैं और पकवान खाने लगे हैं पर वे भी विशेष वर्ग के । सत्तर प्रतिशत लोग तो दाल रोटी ही जुटा पाते हैं मुश्किल से। पति के लिये हरतालिका व्रत महाराष्ट्र में भी रखा जाता है।गणेश चतुर्थी के एक दिन पहले, और अन्यान्य प्रदेशों में भी इस तरह का कोई न कोई त्यौहार अवश्य होगा। य़े तो हमारी उत्सव प्रीयता है।Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9214139885380367960.post-59979993803537598812015-10-30T07:39:39.307-07:002015-10-30T07:39:39.307-07:00आपसी प्यार है विश्वास है ..परम्परा निर्वहन भी है क...आपसी प्यार है विश्वास है ..परम्परा निर्वहन भी है काफी हद तक ..... कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9214139885380367960.post-72924923688966733232015-10-29T19:40:26.343-07:002015-10-29T19:40:26.343-07:00paraspar tayaag bharatiy parvaaro ki parmparaye ha...paraspar tayaag bharatiy parvaaro ki parmparaye hai vayaapk sandarbh mai dekhe tab hame bahut kuch seekhne ko milta hai कबीर कुटी - कमलेश कुमार दीवानhttps://www.blogger.com/profile/15885065966350572216noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9214139885380367960.post-57340683326584597872015-10-28T23:25:28.417-07:002015-10-28T23:25:28.417-07:00आपकी यह उत्कृष्ट प्रस्तुति कल शुक्रवार (30.10.2015...आपकी यह उत्कृष्ट प्रस्तुति कल शुक्रवार (30.10.2015) को <a href="http://charchamanch.blogspot.ae/" rel="nofollow"> "आलस्य और सफलता "(चर्चा अंक-2145) </a> पर लिंक की गयी है, कृपया पधारें और अपने विचारों से अवगत करायें, चर्चा मंच पर आपका स्वागत है।<br /> हार्दिक शुभकामनाओं के साथ, सादर...!Rajendra kumarhttps://www.blogger.com/profile/00010996779605572611noreply@blogger.com