मंगलवार, 28 अगस्त 2018

प्यार जीवन की सुन्दर कहानी सी है





प्यार रामा में है प्यारा अल्लाह लगे ,प्यार के सूर तुलसी ने किस्से लिखे
प्यार बिन जीना दुनिया में बेकार है ,प्यार बिन सूना सारा ये संसार है

प्यार पाने को दुनिया में तरसे सभी, प्यार पाकर के हर्षित हुए है सभी
प्यार से मिट गए सारे शिकबे गले ,प्यारी बातों पर हमको ऐतबार है

प्यार के गीत जब गुनगुनाओगे तुम ,उस पल खार से प्यार पाओगे तुम
प्यार दौलत से मिलता नहीं है कभी ,प्यार पर हर किसी का अधिकार है

प्यार से अपना जीवन सभारों जरा ,प्यार से रहकर हर पल गुजारो जरा
प्यार से मंजिल पाना है मुश्किल नहीं , इन बातों से बिलकुल न इंकार है

प्यार के किस्से हमको निराले लगे ,बोलने के समय मुहँ में ताले लगे
हाल दिल का बताने जब हम मिले ,उस समय को हुयें हम लाचार हैं

प्यार से प्यारे मेरे जो दिलदार है ,जिनके दम से हँसीं मेरा संसार है
उनकी नजरो से नजरें जब जब मिलीं,उस पल को हुए उनके दीदार हैं

प्यार जीवन में खुशियाँ लुटाता रहा ,भेद आपस के हर पल मिटाता रहा
प्यार जीवन की सुन्दर कहानी सी है ,उस कहानी का मदन एक किरदार है

प्यार जीवन की सुन्दर कहानी सी है

मदन मोहन सक्सेना

सोमवार, 7 मई 2018

आजकल का ये समय भटका हुआ है मूल से

प्यार की हर बात से महरूम हो गए आज हम
दर्द की खुशबु भी देखो आ रही है फूल से

दर्द का तोहफा मिला हमको दोस्ती के नाम पर
दोस्तों के बीच में हम जी रहे थे भूल से

बँट गयी सारी जमी फिर बँट गया ये आसमान
अब खुदा बँटने लगा है इस तरह की तूल से

सेक्स की रंगीनियों के आज के इस दौर में
स्वार्थ की तालीम अब मिलने लगी स्कूल से

आगमन नए दौर का आप जिस को कह रहे
आजकल का ये समय भटका हुआ है मूल से

चार पल की जिंदगी में चाँद सांसो का सफ़र
मिलना तो आखिर है मदन इस धरा की धूल से

आजकल का ये समय भटका हुआ है मूल से

मदन मोहन सक्सेना

बुधवार, 11 अप्रैल 2018

ग़ज़ल (किस ज़माने की बात करते हो )







किस ज़माने की बात करते हो
रिश्तें निभाने की बात करते हो

अहसान ज़माने का है यार मुझ पर
क्यों राय भुलाने की बात करते हो

जिसे देखे हुए हो गया अर्सा मुझे
दिल में समाने की बात करते हो

तन्हा गुजरी है उम्र क्या कहिये
जज़्बात दबाने की बात करते हो

गर तेरा संग हो गया होता "मदन "
जिंदगानी लुटाने की बात करते हो

ग़ज़ल (किस ज़माने की बात करते हो )

मदन  मोहन सक्सेना