माँ काली माँ दुर्गा माँ शक्ति महा माया
ममता की मूरत तू ममता का दान दे दे
ज्ञानशक्ति ज्ञान गंगा ज्ञान दायिनी तू माँ
विंध्याचल निवासनी आज भक्तों को ज्ञान दे दे
मन में रावण पाल लिए सब पुतले का सँहार करें
राम तुम्हारें देश में मानव कैसे कैसे व्यवहार करे
नवरात्रि और विजय दशमी की हार्दिक शुभकामनायें।
मदन मोहन सक्सेना
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल बृहस्पतिवार (22-10-2015) को "हे कलम ,पराजित मत होना" (चर्चा अंक-2137) पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
विजयादशमी (दशहरा) की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
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जवाब देंहटाएं.शानदार रचना विजय दशमी की हार्दिक शुभकामनायें।
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