मंगलवार, 17 अक्तूबर 2017

दिवाली आज आयी है, जलाओ प्रेम के दीपक


 दिवाली आज आयी है, जलाओ प्रेम के दीपक


मंगलमय हो आपको दीपों  का त्यौहार
जीवन में आती रहे पल पल नयी बहार
ईश्वर से हम कर रहे हर पल यही पुकार
लक्ष्मी की कृपा रहे भरा रहे घर द्वार..

मुझको जो भी मिलना हो ,बह तुमको ही मिले दौलत
तमन्ना मेरे दिल की है, सदा मिलती रहे शोहरत
सदा मिलती रहे शोहरत  ,रोशन नाम तेरा हो
ग़मों का न तो साया हो, निशा में न अँधेरा हो

दिवाली आज आयी है, जलाओ प्रेम के दीपक
जलाओ प्रेम के दीपक  ,अँधेरा दूर करना है
दिलों में जो अँधेरा है ,उसे हम दूर कर देंगें
मिटा कर के अंधेरों को, दिलों में प्रेम भर देंगें

मनाएं हम तरीकें से तो रोशन ये चमन होगा
सारी दुनियां से प्यारा और न्यारा  ये बतन होगा
धरा अपनी ,गगन अपना, जो बासी  बो भी अपने हैं
हकीकत में बे बदलेंगें ,दिलों में जो भी सपने हैं


मदन मोहन सक्सेना

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