प्रिय मित्रों मुझे बताते हुए बहुत ख़ुशी हो रही है कि मेरी पोस्ट ,
आज हम फिर बँट गए ज्यों गड्डियां हो तास की जागरण जंक्शन में प्रकाशित हुयी है , बहुत बहुत आभार जागरण जंक्शन टीम। आप भी अपनी प्रतिक्रिया से अबगत कराएँ .
http://madansbarc.jagranjunction.com/2016/07/28/%E0%A4%86%E0%A4%9C-%E0%A4%B9%E0%A4%AE-%E0%A4%AB%E0%A4%BF%E0%A4%B0-%E0%A4%AC%E0%A4%81%E0%A4%9F-%E0%A4%97%E0%A4%8F-%E0%A4%9C%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A5%8B%E0%A4%82-%E0%A4%97%E0%A4%A1%E0%A5%8D%E0%A4%A1/
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JagranJunction Team
नरक की अंतिम जमीं तक गिर चुके हैं आज जो
नापने को कह रहे , हमसे बह दूरियाँ आकाश की
आज हम महफूज है क्यों दुश्मनों के बीच में
आती नहीं है रास अब दोस्ती बहुत ज्यादा पास की
बँट गयी सारी जमी ,फिर बँट गया ये आसमान
आज हम फिर बँट गए ज्यों गड्डियां हो तास की
हर जगह महफ़िल सजी पर दर्द भी मिल जायेगा
अब हर कोई कहने लगा है आरजू बनवास की
मौत के साये में जीती चार पल की जिंदगी
क्या मदन ये सारी दुनिया, है बिरोधाभास की
आज हम फिर बँट गए ज्यों गड्डियां हो तास की
मेरी पोस्ट , आज हम फिर बँट गए ज्यों गड्डियां हो तास की जागरण जंक्शन में प्रकाशित
मदन मोहन सक्सेना
नापने को कह रहे , हमसे बह दूरियाँ आकाश की
आज हम महफूज है क्यों दुश्मनों के बीच में
आती नहीं है रास अब दोस्ती बहुत ज्यादा पास की
बँट गयी सारी जमी ,फिर बँट गया ये आसमान
आज हम फिर बँट गए ज्यों गड्डियां हो तास की
हर जगह महफ़िल सजी पर दर्द भी मिल जायेगा
अब हर कोई कहने लगा है आरजू बनवास की
मौत के साये में जीती चार पल की जिंदगी
क्या मदन ये सारी दुनिया, है बिरोधाभास की
आज हम फिर बँट गए ज्यों गड्डियां हो तास की
मेरी पोस्ट , आज हम फिर बँट गए ज्यों गड्डियां हो तास की जागरण जंक्शन में प्रकाशित
मदन मोहन सक्सेना
great done sir.... :) http://panchopoetry.blogspot.in/2016/02/blog-post_27.html
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