नेता क्या अभिनेता क्या अफसर हो या ब्यापारी
पग धरते ही जेल के अन्दर सब के सब बीमार हुए
कैसा दौर चला है यारों गंदी कैसी राजनीती है
अमन चैन से रहने बाले दंगे से दो चार हुए
दादी को नहीं दबा मिली मुन्ने का भी दूध खत्म
कर्फ्यू में मौका परस्त को लाखों के ब्यापार हुए
तिल का ताड़ बना डाला क्यों आज सियासतदारों ने
आज बापू तेरे देश में कैसे ,कैसे अत्याचार हुए
हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई आपस में सब भाई भाई
ख्बाजा साईं के घर में ये कहना क्यों बेकार हुए
प्रस्तुति
मदन मोहन सक्सेना
बहुत खूब,सुंदर रचना !
जवाब देंहटाएंRECENT POST : हल निकलेगा
बहुत खूब,सुंदर रचना !
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बहुत सुन्दर प्रस्तुति.. आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी पोस्ट हिंदी ब्लॉग समूह में सामिल की गयी और आप की इस प्रविष्टि की चर्चा कल - रविवार - 22/09/2013 को
जवाब देंहटाएंक्यों कुर्बान होती है नारी - हिंदी ब्लॉग समूह चर्चा-अंकः21 पर लिंक की गयी है , ताकि अधिक से अधिक लोग आपकी रचना पढ़ सकें . कृपया पधारें, सादर .... Darshan jangra
satya ko darsati sunder prastuti.
जवाब देंहटाएंsur's
बहुत सुन्दर .
जवाब देंहटाएंनई पोस्ट : अद्भुत कला है : बातिक