मोदी , मदद और मुसीबत
कल शाम को
टी बी पर एक घटना देखी
संबिधान और कानून की रक्षा करने की शपथ लेने बाले मंत्री ने
देश के कानून से भागने बाले की
मानबीय आधार पर मदद क्या की
बिरोधी दलों को मानों मौका मिल गया
बिरोध करने का
लेकिन जिस तरह की राजनीति आजकल चल रही है
जब भी किसी नेता या मंत्री पर आरोप लगता है
तो पहली प्रतिक्रिया होती है
कि हमारा नेता या मंत्री बेकसूर है.
वही इस मामले में भी हो रहा है
और अब देश की विदेश मंत्री
क़ानून से भागे हुए एक व्यक्ति के संपर्क में क्यों थीं?
ये सवाल उनसे ज़रूर पूछा जाना चाहिए.
जिस व्यक्ति को देश का क़ानून,
इनफोर्समेंट डायरेक्टर खोज रहा है
जिसके बारे में लुक आउट नोटिस है
जिसका पासपोर्ट एक बार रद्द किया जा चुका है
ऐसे व्यक्ति से देश की विदेश मंत्री संपर्क में क्यों थीं?
उसकी मदद क्यों कर रही थीं?
सवाल उठता है कि उन्होंने ऐसा क्यों किया?
मानबीय आधार पर
या फिर कुछ और बजह से
आखिर सरकार और मंत्रियों की
मानबता
तब क्यों गायब हो जाती है
जब किसान आत्म हत्या करते हैं
गरीब परिबार अपनी जान दे देता है
देश का आम नागरिक
अमानबीय स्थिति में जीने को मजबूर रहता है
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