ये जीबन यार ऐसा ही ,ये दुनियाँ यार ऐसी ही
संभालों यार कितना भी आखिर छूट जाना है
सभी बेचैन रहतें हैं ,क्यों मीठी बात सुनने को
सच्ची बात कहने पर फ़ौरन रूठ जाना है
समय के साथ बहने का मजा कुछ और है प्यारे
बरना, रिश्तें काँच से नाजुक इनको टूट जाना है
रखोगे हौसला प्यारे तो हर मुश्किल भी आसां है
अच्छा भी समय गुजरा बुरा भी फूट जाना है
मदन मोहन सक्सेना
सच कोई सुन जो नहीं सकता ...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर बात कही है ...
बहुत सही है सब मीठा खाना चाहते हैं कड़वा नहीं
जवाब देंहटाएंसच सदा कटु लगता है |
सच ही है जब अच्छा समय नहीं रुका तो बुरा भी नहीं रुकेगा
जवाब देंहटाएंसभी बेचैन रहतें हैं ,क्यों मीठी बात सुनने को
जवाब देंहटाएंसच्ची बात कहने पर फ़ौरन रूठ जाना है
...बिलकुल सच कहा है...बहुत सुन्दर