कविता ,आलेख और मैं
Play with words to express Feelings & experiences of Life.
Get this
Recent Comments Widget
शुक्रवार, 20 नवंबर 2015
हम तुम
कभी कभी लगता है की हम तुम एक ही थैली के चट्टे बट्टे हों , मैं तुझमें अपने को खोजता रहता हूँ और एक तू है जो मुझमें अपने को तलाशती रहती है।
मदन मोहन सक्सेना
1 टिप्पणी:
Amit Agarwal
20 नवंबर 2015 को 11:30 pm बजे
sundar!
जवाब दें
हटाएं
उत्तर
जवाब दें
टिप्पणी जोड़ें
ज़्यादा लोड करें...
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
sundar!
जवाब देंहटाएं