ज़ज्बात
जिन्हें है फ़िक्र घर भर की चिंता है ज़माने की
मिले कोई जहाँ पर भी बयां ज़ज्बात होते हैं ..
ये उनमें से नहीं है जो राज ए दिल दफ़न कर लें
गर अपने पर ये आ जाये तो चर्चा ए बात होते हैं
बयाँ जज्बात करने को अगर कोई नहीं मिलता
तन्हाई के आलम में तब दिन को रात होते हैं
प्रस्तुति:
मदन मोहन सक्सेना
बहुत सही-
जवाब देंहटाएंवाह ,,,बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंबयाँ जज्बात करने को अगर कोई नहीं मिलता
तन्हाई के आलम में तब दिन को रात होते हैं ,,,,
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