आप के लिए "तुम्हारी याद "
प्रस्तुति : श्री मदन मोहन सक्सेना
तुम्हारी याद जब आती तो मिल जाती ख़ुशी हमको
तुमको पास पायेंगे तो मेरा हाल क्या होगा
तुमसे दूर रह करके तुम्हारी याद आती है
मेरे पास तुम होगें तो यादों का फिर क्या होगा
तुम्हारी मोहनी सूरत तो हर पल आँख में रहती
दिल में जो बसी सूरत उस सूरत का फिर क्या होगा
अपनी हर ख़ुशी हमको अकेली ही लगा करती
तुम्हार साथ जब होगा नजारा ही नया होगा
दिल में जो बसी सूरत सजायेंगे उसे हम यूँ
तुमने उस तरीके से संभारा भी नहीं होगा
प्रस्तुति:
मदन मोहन सक्सेना
सुन्दर रचना !!
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर और सार्थक प्रस्तुतीकरण,आभार.
जवाब देंहटाएंबहुत ही उम्दा सुंदर प्रस्तुति,,,
जवाब देंहटाएंRecent Post: सर्वोत्तम कृषक पुरस्कार,
सुंदर और सार्थक रचना महोदय......
जवाब देंहटाएंसाभार..........
great post .... very nice !!!!!
जवाब देंहटाएंvisit :
http://swapnilsaundarya.blogspot.in/2013/03/blog-post_18.html
वाह ... बेहतरीन
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