आखिर क्यों ऐसा होता कि नेताओं को जब अपने विचार रखने चाहियें तो चुप हो जातें है और जिस बात से उनका दूर दूर तक लेना देना नहीं होता है उस पर बिना सोचे समझे बोले चले जातें है. अरुण जेटली ,नरेन्द्र मोदी, शरद पवार ,सी पी जोशी ,राजीब शुक्ल ,किरण रेड्डी की चुप्पी बहुत कुछ कह जाती है.
चुप रहना भी एक राजनीति कला है,,
जवाब देंहटाएंRecent post: ओ प्यारी लली,
चुप रहना भी एक राजनीतिक कला है ,,
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कई बार बोलने से नहीं चुप रहने के पासे मिलते हैं ...
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