पहले का केदारनाथ मंदिर |
अभी का केदार नाथ मंदिर |
फिर एक बार कुदरत का कहर
फिर एक बार मीडिया में शोर
फिर एक बार नेताओं का हवाई दौरा
फिर एक बार दानबीरों की कर्मठता
फिर एक बार प्रशाशन का कुम्भकर्णी नींद से जागना
फिर एक बार
मन में कौंधता अनुत्तरित प्रश्न
आखिर ये कब तक
हम चेतेंगें भी या नहीं
आखिर
जल जंगल जमीन की अहमियत कब जानेगें?
मदन मोहन सक्सेना
Kya kahna bhai
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