इंसानों की बस्ती पर
कुदरत की सबसे बड़ी मार
नेताओं का तांडव टूरिज्म
तबाही पर नेताओं की सियासत
किसी ने हजारों गुजराती को सुरक्षित ले जाने का दाबा किया
तो कोई आठ दिन बाद अबतरित हुआ और
ताम झाम के साथ राहत सामग्री को भेजता नजर आया
तो कोई कोई हबाई दौरों से ही अपना कर्तब्य पूरा करता नजर आया
भले ही हजारों लोग अब भी राहत का इंतज़ार कर रहे हों
लेकिन
सूबे के मुखिया जिनकी जिम्मेदारी
सूबे के लोगों के जान माल की सुरक्षा करना है
बिज्ञापन देने में ब्यस्त हैं
उत्तराखंड में आई भीषण त्रासदी
राहत कार्यों को लेकर सियासत चरम पर
देहरादून में कांग्रेस और टीडीपी के नेताओं में हाथापाई
हाथापाई राहत का क्रेडिट लेने को लेकर
हंगामे के दौरान टीडीपी अध्यक्ष भी वहां मौजूद
इंसानों की बस्ती पर
कुदरत की सबसे बड़ी मार
नेताओं का तांडव टूरिज्म
तबाही पर नेताओं की सियासत
नेताओं को इस तरह भिड़ते देखकर
लोगों का सिर शर्म से झुक जाए
लेकिन इनको ना शर्म आई और
ना ही उत्तराखंड की तबाही में बर्बाद हुए लोगों की इन्हें फिक्र है
इन्हें फिक्र है तो बस इस बात की कि इनकी सियासत में कुछ गड़बड़ ना हो जाए.
ये कौन सा दौर है
जहाँ आदमी की जान सस्ती है
और राजनीति का ये कौन सा चरित्र है
जहाँ सिर्फ सियासत
ही मायने रखती है
इसके लिए जितना भी गिरना हो
मंजूर है .
प्रस्तुति:
मदन मोहन सक्सेना
ये कौन सा दौर है
जवाब देंहटाएंजहाँ आदमी की जान सस्ती है
और राजनीति का ये कौन सा चरित्र है
जहाँ सिर्फ सियासत
ही मायने रखती है,,
सुंदर सटीक प्रस्तुति,,,
Recent post: एक हमसफर चाहिए.
sunder aur sarthak rachna
जवाब देंहटाएंये भारतीय सियासत है बे -जोड़ ,तिहाड़ खोर .
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