कुदरत का कहर
कई हजार लोगों के बीच में फसें होने की उम्मीद
अपनों का इंतज़ार करती आँखें
जिंदगी की चाहत में मौत से पल पल का संघर्ष
फिर से बही गंदी कहानी
शबों से पैसे,गहने लुटते
आदमी के रूप में शैतान
सरकार का बही ढीला रबैया
हजारों के लिए गिनती के हेलिकॉप्टर
राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की कशमकश
इस बीच
खुद को
लाचार ,ठगा महसूस
करता इस देश का नागरिक .
इन सबके बीच
भारतीय सेना के जबानों ने
साबित कर दिया
कि उनके मन में जितनी श्रद्धा
भारत मत के लिए है
उतनी या उससे कहीं अधिक
चिंता देश के अबाम की है .
मदन मोहन सक्सेना .
kudrat ke aage hm sb lachar hi to hain,
जवाब देंहटाएंसुन्दर भावपूर्ण प्रस्तुति...बहुत बहुत बधाई...
जवाब देंहटाएं@प्रकृति की महाविनाशलीला
सुन्दर भावपूर्ण प्रस्तुति
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जवाब देंहटाएंसहमत .बेड़ा गर्क इनका (नेताओं )का भी होगा आज नहीं तो कल इस जन्म में नहीं तो अगले में कर्म की छाया से व्यक्ति भाग नहीं सकता है .ॐ शान्ति .
सच कहा है ... देश के जाबांज सैनिक न हों तो इतना बचाव भी नहीं हो पाता ...
जवाब देंहटाएंसलाम है वीरों को ...