अँधेरे में रहा करता है साया साथ अपने पर
बिना जोखिम उजाले में है रह पाना बहुत मुश्किल
ख्बाबो और यादों की गली में उम्र गुजारी है
समय के साथ दुनिया में है रह पाना बहुत मुश्किल ..
कहने को तो कह लेते है अपनी बात सबसे हम
जुबां से दिल की बातो को है कह पाना बहुत मुश्किल
ज़माने से मिली ठोकर तो अपना हौसला बढता
अपनों से मिली ठोकर तो सह पाना बहुत मुश्किल
कुछ पाने की तमन्ना में हम खो देते बहुत कुछ है
क्या खोया और क्या पाया कह पाना बहुत मुश्किल
मदन मोहन सक्सेना
बढ़िया प्रस्तुति |
जवाब देंहटाएंबधाई स्वीकारें-
कहने को तो कह लेते है अपनी बात सबसे हम
जवाब देंहटाएंजुबां से दिल की बातो को है कह पाना बहुत मुश्किल,,,बहुत शानदार प्रस्तुति,,,
resent post : तड़प,,,
बेहतरीन प्रस्तुति ,,,,
जवाब देंहटाएंresent post काव्यान्जलि ...: तड़प,,,
बहुत बढ़िया!
जवाब देंहटाएंAwesome creation.
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