गुरुवार, 8 नवंबर 2012

दीपों का त्यौहार








मंगलमय हो आपको दीपों का त्यौहार
जीवन में आती रहे पल पल नयी बहार
ईश्वर से हम कर रहे हर पल यही पुकार
लक्ष्मी की कृपा रहे भरा रहे घर द्वार..

मुझको जो भी मिलना हो ,बह तुमको ही मिले दौलत
तमन्ना मेरे दिल की है, सदा मिलती रहे शोहरत
सदा मिलती रहे शोहरत  ,रोशन नाम तेरा हो
ग़मों का न तो साया हो, निशा में न अँधेरा हो

दिवाली आज आयी है, जलाओ प्रेम के दीपक
जलाओ प्रेम के दीपक  ,अँधेरा दूर करना है
दिलों में जो अँधेरा है ,उसे हम दूर कर देंगें
मिटा कर के अंधेरों को, दिलों में प्रेम भर देंगें

मनाएं हम तरीकें से तो रोशन ये चमन होगा
सारी दुनियां से प्यारा और न्यारा  ये बतन होगा
धरा अपनी ,गगन अपना, जो बासी  बो भी अपने हैं 
हकीकत में बे बदलेंगें ,दिलों में जो भी सपने हैं


दीपावली की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।


काब्य प्रस्तुति :   
मदन मोहन सक्सेना


3 टिप्‍पणियां:

  1. आलोकित संसार में,हरदम पलता प्यार
    उजलेपन से ही सदा,जीवन पाता सार,,,,

    दीपावली की हार्दिक शुभकामनाऐ ,,,,,,

    RECENT POST:..........सागर



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  2. दीपावली की हार्दिक शुभकामना- दिलों में जो अँधेरा है ,उसे हम दूर कर देंगें
    मिटा कर के अंधेरों को, दिलों में प्रेम भर देंगें

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  3. मनाएं हम तरीकें से तो रोशन ये चमन होगा
    सारी दुनियां से प्यारा और न्यारा ये बतन होगा
    धरा अपनी ,गगन अपना, जो बासी बो भी अपने हैं
    हकीकत में बे बदलेंगें ,दिलों में जो भी सपने हैं....

    बेहतरीन अभिव्यक्ति....आजकल पर्वों के अर्थ/पर्याय बदल रहे हैं...ऐसे में आपकी यह रचना उजाला देगी...
    शुभाकामनाएं!!!
    सारिका मुकेश

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