तुमको पास पायेंगे तो मेरा हाल क्या
होगा
तुमसे दूर रह करके तुम्हारी याद आती
है
मेरे पास तुम होगें तो यादों का फिर
क्या होगा
तुम्हारी मोहनी सूरत तो हर पल आँख में
रहती
दिल में जो बसी सूरत उस सूरत का फिर क्या होगा
अपनी हर ख़ुशी हमको अकेली ही लगा करती
तुम्हार साथ जब होगा नजारा ही नया
होगा
दिल में जो बसी सूरत सजायेंगे उसे हम
यूँ
तुमने उस तरीके से संभारा भी नहीं होगा
प्रस्तुति :
मदन मोहन सक्सेना